खो गया है ये मेरा मन अब किसी की ओर है ना हो रहा अब मेरी सांसो का भी कोई शोर है, खो गया है ये मेरा मन अब किसी की ओर है ना हो रहा अब मेरी सांसो का भी कोई शोर ह...
नहीं दर रहेगा किसी का जब मज़हब-ए-इंसानियत होगा सबका तरक्की करेगा हर तबका जब हर इंसान नहीं दर रहेगा किसी का जब मज़हब-ए-इंसानियत होगा सबका तरक्की करेगा हर तबका ...
हमारी चीख को हर कोई सुनता है खमोशी से। हमारी चीख को हर कोई सुनता है खमोशी से।
क्यों तू हताश है, किसकी तुझे तलाश है। कहां है मंजिल तेरी चला तू किस और है। क्या है क्यों तू हताश है, किसकी तुझे तलाश है। कहां है मंजिल तेरी चला तू किस और...
लेकिन हर अवस्था में प्रेम ही रहता है। लेकिन हर अवस्था में प्रेम ही रहता है।
पुनः गुजरा हुआ जमाना याद आता है। पुनः गुजरा हुआ जमाना याद आता है।